Saturday 29 July 2017

work done in this week

स्पर्श ---

तुम -------अतिथि  (शरद  जोशी )

अतिथि  देवो  भव  के  भाव  की  व्याख्या। 
लेखक  परिचय। 
पाठ  का  सारांश  बताया  गया। 
समाज  में  अतिथि  की  भूमिका। 
लेखक  की  अतिथि  के  प्रति  धारणा। 

मूल्य - परक  प्रश्न --

आपके  जीवन  में  अतिथि  का  क्या  स्थान  है  ? पाठ  के  आधार  पर  बताए। 

इसके  अतिरिक्त  प्रथम  इकाई  परीक्षा  की  उत्तर - पुस्तिकाएं  दिखाई  गई  समस्याओं  का  निदान  किया  गया। 

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