स्पर्श ---
तुम -------अतिथि (शरद जोशी )
अतिथि देवो भव के भाव की व्याख्या।
लेखक परिचय।
पाठ का सारांश बताया गया।
समाज में अतिथि की भूमिका।
लेखक की अतिथि के प्रति धारणा।
मूल्य - परक प्रश्न --
आपके जीवन में अतिथि का क्या स्थान है ? पाठ के आधार पर बताए।
इसके अतिरिक्त प्रथम इकाई परीक्षा की उत्तर - पुस्तिकाएं दिखाई गई समस्याओं का निदान किया गया।
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